युग बदला बदला हिंदुस्तान



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युग बदला बदला हिंदुस्तान

ठीक सुबह के :३० बज रहे हैं दिनाक २६०१२०१० , सुभ तिथि और सुभ दिवस का दिन हैं आज ग्रहों की चाल को माने तो सच्च में भारत का भविष्य काफी उज्जवल हैं
वातावरण का मिजाज कुछ सही नहीं कहा जा सकता और जिसके कारन चारो तरफ कोहरों के घने अम्बा लगे हैं ठण्ड की मार से बचने के लिए घर में बैठकर आराम फरमा रहा था की इसी बीच मन बैचन हुआ और बोल उठा चलो क्यों उभरते भारत की कुछ तस्वीर पेस की जाये और बस क्या था
कापी उठाया और लिख पड़ा ----------

""""सोचा नहीं था
तक़दीर यहाँ लायी गी
भारत को ऊचे बुलंदियों तक पहुंचैयगी
जाना था ,,, पहचाना था ,
सभी देशों ने भारत को अपनाया था ,
जिसका परिणाम सुहाना था ,
क्योंकि भारत ने अपना जगह अव्वल देशों में बनाया था
इसलिए तो कहता हूँ
सोचा नहीं था
तक़दीर यहाँ लायी गी
भारत को ऊचे बुलंदियों तक पहुंचैयगी

याद रहेंगे वोह वर्ष जब १९४७ का जमाना था ,
भूके , प्यासे , काम करके जीवन बीताना था,
पहने को कपडे थें, सोने को बिस्तर थें ,
बस कोशिश सिर्फ इतनी थी की धरती माँ को अपनाना था

वक़्त को जीना सिखा था, काम को मुठी में बांधा था ,
प्रगति करना जाना था, नए उपकरणों को विकसित करना था ,
क्योंकि भारत को सर्वश्रेस्ट बनाना था
इसलिए तो कहता हूँ
सोचा नहीं था
तक़दीर यहाँ लायी गी
भारत को ऊचे बुलंदियों तक पहुंचैयगी

दुश्मनो को धुल चटाया
था,
१९७१,१९९९, का जंग हमने जीता था ,
सर्वश्रेस्ट सेना अपने को बनाया था ,
कृषि,उद्योग ,खाद्य में अपनी रूचि जगाया था ,
क्योंकि भारत को विकसित कराना था

पढाई में जोर लगाया था ,
उचस्तरिय संस्थानों को बनाया था ,
बड़े से बड़े वैज्ञानिक को यहाँ सीचा था ,
क्योंकि भारत को आगे बढाना
था


वक़्त गुजरा ,रुख बदला ,
फिर भी भारत ने जीत का पल्ला थामा था,
हगाई हो या भुकमरी जीवन को सही मायने में जीना सिखा था,
क्योंकि हमारा नारा भारत को आगे बढाना था

नए सताब्दी में प्रवेश किया हैं ,
हर एक क्षेत्र में प्रगति किया हैं ,
कृषि, उद्योग, पढाई, विज्ञान को जीवन में अपनाया हैं
भारत को विकसित कराया हैं ,,
सभी देशों में अपने को अव्वल बनाया हैं,
इसलिए तो कहता हूँ
सोचा नहीं था
तक़दीर यहाँ लायी गी
भारत को ऊचे बुलंदियों तक पहुंचैयगी


""SHE.....IS A MEGALOPOLIS OF SEA""

SHE IS THE GENERATOR ,
SHE IS THE OPERATOR .
SHE IS THE DESTRUCTOR ,
SHE IS THE CREATOR .

SHE IS THE SOIL ,
SHE IS THE ROCK ,
BECAUSE SHE IS THE ONE WHO HAS CREATED THIS STOCK .

HER HAIR IS THE BORDER ,
HER LEG IS THE SEA .
HER RIGHT HAND IS THE DESERT ,
HER LEFT HAND IS THE GREENY GRASSLET ,
HER EACH BODY IS MADE UP OF DIFFERENT PARTS ,
BECAUSE SHE IS THE ONE WHO HAS MADE THE DIFFERENT CASTES.

HER MIND HAS PRODUCED DIFFERENT RELIGIONS ,
BECAUSE OF THIS WE USED TO TAKE ACCURATE DECISIONS ,
AND THIS IS THE REASON THAT WE ARE PROGRESSING EVERYDAY WITH GREAT
PRECISIONS .

SHE IS THE ONE WHO HAS FORMED VARIED STATES ,
SHE IS THE ONE WHO HAS GENERATED GENIOUS MATES ,
AND BECAUSE OF THIS , WE ARE DESTROYING THE ENEMY TRAITS .

SHE IS THE ONE WHO HAS GIVEN US LAND ,
TO CROP ALL TYPES OF WHEATS AND GRAINS ,
AND BECAUSE OF THIS WE USED TO HAVE HEAVY GAINS .

SHE IS THE ONE WHO USED TO PROTECT US FROM EACH THINGS ,
SHE IS THE ONE WHO TEACHES US TO BECOME A GOOD HUMAN BEINGS ,
BECAUSE SHE IS THE MOTHER OF ALL COUNTRY BEINGS .

BUT THERE IS A BIG BUT ,,,,,
DO YOU KNOW THAT WHO IS SHE???????
WHO HAS ALWAYS PROVIDED US WITH A MEGALOPOLIS OF SEA ,
YA ,,, YOU ALLL HAVE GUESSED RIGHT ,
BECAUSE SHE IS THE ONE WHO IS VERY BRIGHT ,
SHE IS THE ONE WHO USED TO BE KNOWN BY DIFFERENT NAMES ,
BECAUSE SHE IS THE ONE WHO HAS GOT GREAT -GREAT FAMES .

SHE IS NONE OTHER THAN THE """BHARAT-MATA""
WHO HAS PROVIDED THIS COUNTRY WITH A DIFFERENT AND GREAT GATHA..........




I SALUTE YOU MAA................


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जब आंसू छलक पड़ी थी आखों से



जब आंसू छलक पड़ी थी आखों से


कास मैं समय को जीत सकता और काल
को अपनी मुट्ठी में कर लेता , तो मैं जरूर से उन यादगार वर्षों में जाना पसंद करता जिसने मुझे सही मायने में ज़िन्दगी को जीना सिखाया
वाकये यारों ,,,अब तो मैं अपने आत्मविश्वास को उन बुलंदियों के सिखर पर पंहुचा चूका हूँ जहाँ मुश्किलों को चट्टान की भांति तोड़ सकता हूँ
क्या आप जानते हो यारों ? यह सब मुमकिन हो पाया हैं उस रोशन परी के कारन जिसने मेरे जिन्दगी को ऊपर से निचे तक बदल डाला और चुकी अब जब मैं अपने जीवन का पिटारा आपके सामने खोल बैठा हूँ तो आपको एक हकीकत से जरूर वाकिफ करना चाहूँगा जो की अपने आप में काफी दिलचस्प हैं मुझे जहाँ तक लगता हैं आप सभी इस मशहूर वाकये से जरूर परिचित होंगे

"हर एक आदमी के सफलता के पीछे एक औरत का सहारा होता हैं "

और मेरी मानिये तो हकीकत भी यही हैं

मानना पड़ेगा समय के ताकत और उसके मार को जो अछे से अछों को रास्ता दीखा देता हैं चाहे वोह मार किसी क्लास में फेल कराने के रूप में हो या किसी लड़की से रिश्ता तोड़ने के रूप में ,,, मगर यार मार तो मार ही होती हैं
बहुत ही मुस्किल होता हैं उन लम्हों को भुलाना जो मैं उसके साथ गुजारा था कभी कभी तो आखों से आंसू गिर पड़ते हैं लेकिन फिर भी अपने भावनावो को सयं में रखा और निकल पड़ा सफलता की आखरी सीड़ी को खोजने के लिए
खैर छोड़िये ,,, अब वक़्त आ गया हैं उस सच्ची घठना को जाहिर करने का जो उन दिनों की है जब मैं आई आई टी की तयारी कर रहा था सच बोलूं तो यारों आई आई टी मेरा बचपन का सपना था और कोशिश भी यही थी की इसको फोड़ डालूं अब चुकी जोश और आत्मविश्वास सिर पे चढ़ के बोल रहे थें तो मैंने भी सोचा क्यों न इस गरम लोहे पे हतोड़ा मार दूँ ताकि इसी बहाने कुछ निकल जाये
बस क्या समय बीता ,जमशेदपुर पहुंचा और एक अच्छे कोअचिंग संस्था में प्रवेश ले लिया पर क्या बताऊँ पहले तो कुछ महीने ही अच्छा बीतें ,,,अच्छे अच्छे अंक आ रहे थें और बहुत ही शानदार प्रदर्शन करने में सक्षम हो गया था जो की आई आई टी को तोड़ने की पहली सीड़ी थी
समय बीतता गया और मेहनत दिन रात शुरू हो गयी मगर आप सभी जानते हैं की कोई भी काम अधिक करना हानिकारक होता हैं और ठीक वैसा ही हुआ पढाई ज्यादा कर ली तो मानव प्राकृतिक के कारण थोडा थोडा मन हटने लगा और इसी बीच शुरू हुई एक नयी ज़िन्दगी और एक नया किस्सा जिसने ज़िन्दगी को हज़ार हज़ार पेजों लिख डाला
समय था जनवरी का प्रतियोगिता परीक्षा मुह खोल के खड़ी थी और इसी बीच मन हुआ की क्यों न घर से मिल के आऊं ताकि में अपने आत्मविश्वास को बड़ा सकूँ और बस क्या परिवार से मुलाकात हुई और फिर मन बन बैठा की निकल पडू अपने निशाने की ओर
बस क्या था बस पकड़ा ओर निकल पड़ा ,,,लेकिन मुझे क्या पता था की किस्मत ने एक अहम् मोड़ ले लिया हैं ठीक इसी बीच मेरी मुलाकात हुईं मेरी स्कूल फ्रैंड से जिसका नाम नेहा था
अब क्या चुकी स्कूल समय की फ्रैंड थी वो तो बस बात होनी शुरू हो गयी इसी बीच मैंने उसे मजाक में कहा की क्या तुम अपनी किसी फ्रैंड का नंबर दे सकती हो जिससे की में अपना टाइम पास कर सकूँ
कुछ दिनों से काफी बोर फील कर रहा हूँ पर पता हैं भाई उसने जवाब किया दिया हाँ देव यह लो एलिस का नंबर ओर क्या था काम तो बन गया अब तो नंबर मेरे फ़ोन पे स्टोर हो गया था ओर जमशेदपुर पहुँच ते ही कुछ घंटो बाद कॉल हो गया था
करीबन रात के ११ बजे की बात हैं घर से जमशेदपुर आना हो गया मल-मूत्र से लेके कपडे बदलना हो गया अब चुकी फ्रेश हो गया था पेट में चूहों के उछलने को बर्दाश नहीं कर पाया ओर समस्या का हल हुआ रात्रि का खाने का लेके
कोअचिंग के कुछ नोट्स पड़ा ओर बज गयी रात की ११ सोच ही रहा था क्या करू की दिमाग की बत्ती जली की भाई चलो कुछ बात हो जाये ओर क्या कनेक्शन से कनेक्शन मिलाना शुरू किया बस कुछ ही सेकंड बीते थे की आवाज़ आई हाँ आप कौन बोल रहे हैं ?
बस मुंह से निकल पड़ी हाँ में देव बोल रहा हूँ क्या में एलिस से बात कर सकता हूँ? तो जाहिर हैं जन्नाबों आपने अंदाज़ा लगा ही लिया होगा की उसने क्या कहा होगा हाँ भाई आप एकदम ही सहीं हैं जवाब था हाँ एलिस बोल रही हूँ ओर क्या था बस मौका मिला ओर मुठी में दबा लिया बातें शुरू हो गयी थी पढाई कम हो गयी थी कोअचिंग जाना लगभग बंद सा ही हो गया था भूल चूका था आई आई टी को बस लग रहा था कही दूर चला जौँ मगर कहा कुछ पता नहीं
एक महीने हो गए थे एक दुसरे को समझते हुय अब वक़्त आ गया था की आमने सामने की मुलाक़ात हो ओर ठीक वैसा ही हुआ ,,,भाईयों उसने मुझे हरी बत्ती दीखा दी ओर फेस तू फेस मिलने के लिए कहा

अरे यारों तुमने कुछ सुना की उसने किया बोला ,,, हाँ वोह मुझसे मिलना चाहती हैं सच्च बोलूं तो उस दिन में काफी खुश था
उस ख़ुशी को में बता नहीं सकता बस लग रहा था कब जल्दी से मिलु ओर जाहिर करू अपनी दिल की बात बस अब क्या सोचना था जल्दी से बैग पैक किया , ड्रेस ओर डेओ लगाया ओर चल पड़ा लव की मंजिल की ओर जहाँ सिर्फ ख़ुशी ही ख़ुशी होती हैं
दोपहर कें १२ बज रहे थे बस स्टैंड पहुँच चूका था एक नयी ताजगी महसूस हो रही थी तुरंत कॉल किया एलिस को की में यहाँ पहुँच चूका हूँ ओर तुम्हारा वेट कर रहा हूँ प्लीज़ हरी ॐ काम्प्लेक्स के पास जल्द से जल्द आ जाओ
कुछ ही मिनट हुय होंगे की एक लड़की मेरे ही तरफ आ रही थी ओर इसी बीच मैंने कॉल मिलाया ओर उसी लड़की ने ही कॉल उठाया बस क्या था में मैंने एलिस को पहचान लिया ओर हमारी पहली मुलाकात हुई
ओह भाईशाहब मानना पड़ेगा उसके सुन्दरता को मेरी तो आखें खुली की खुली ही रह गयी मुलाकात हुई नए पुराने हंसी मजाक की बातें हुई घूमना फिरना हुआ बस चिंता लगी थी की में किस तरह अब जमशेदपुर जाऊँगा ओर उसके बगैर रह पाउँगा पता नहीं एकदम ही मन बदल चूका था

फिर भी मन को मनाया ओर उसके कहने पर मैं दुसरे दिन को निकल पड़ा अपनी कार्य पथ की ओर सच्च बोलू यारों वोह बहुत ही अच्छी थी ओर मुझे हमेसा मोटिवेट किया करती थी

वक़्त बीतता गया रांची आना जाना लगा रहा कभी कभी तो ऐसा होता की मैं एक दो दिन तक तो रांची के प्लात्फोर्म पर या किसी दोस्तों के घर पे गुजार लेता
सोच के हंसी आती हैं की कितना पागाल हो गया था
इसी बीच परीक्षा की घड़ी भी अपना धावा बोलचुकी थी ओर परिणाम हुआ की आई आई टी का सपना ,,,,सपना ही रह गया
ओर प्रवेश हुआ एक आम इंजीनियरिंग कॉलेज में
खैर छोड़ो यारों चुकी प्रवेश लखनऊ में हो चुकी थी ओर क्लास्सेस भी जुलाई से शुरू हो गयी थी मजबूरन करियर का सवाल था लखनऊ आना ही पड़ा
महीने बीतते जा रहे थे बाते कम होती जा रही थी पता नहीं ऐसा क्यों मगर वक़्त ने ऐसी पलती मारी की एक वक़्त ऐसा आया की उसने मेरे से बात करनी बंद कर दी
उसने मुझे जिन्दगी के बीच रास्ते मैं छोड़ दिया
सच्च दोस्तों मैं बहुत रोया
हार चूका था अपने आप से नहीं जान पाया सच्चाई को की उसने मुझे क्यों छोड़ा अब तो बस तमन्ना इतनी हैं की अपने आई आई टी के सपने को पूरा करू और दिखा दू मैं भी किसीसे से कम नहीं
"प्यार सफलता नहीं होती ,,बल्कि प्यार सफलता की सीडी होती हैं"
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