हे राज्यों की आन || तुम्ही हो भारत की शान ||




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चूँकि बात अब राज्य को लेकर उठ चुकी हैं तो इश संधर्व पर एक कविता पेश करना चाहूँगा ,| यदि हकीकत को देखा जाए मैं भारत के राज्य को लेकर ही कविता पेश करना चाहूँगा जिसमे हर राज्य एक दुसरे के बारे मैं अपना अपना विचार व्यक्त करते हैं , तो ठीक हैं ,सुरु किया जाए ||

सबसे पहले बिहार की जनता पे हुई हैं वार ,
मराठियों ने उठाइए हैं तलवार ,
राज्य को लेके उठा हैं खिलवाड़
क्योंकि इन्हें हैं सिर्फ अपने राज्यों से प्यार
बाकी सब राज्य के व्यक्ति हैं बेकार , सिर्फ बेकार ||

परीक्षा देने देना हैं , नौकरी करने देना हैं ,
लात घूसों से मारकर भगा देना हैं |
सिर्फ एक बात हमेसा की तरह बोल देना हैं ,
मैं हूँ महान ,मेरा राज्य मैं कोई नहीं मेहमान
क्योंकि इसका हकदार सिर्फ हैं
महाराष्ट्र की आन ,
जो हैं की खान
की बिहार की जान |||

यह तो सुना हमने मराठियों की बिहारियों पर वार ,
जिसके जवाब में बिहारियों ने भी उठाई तलवार
और कर दिया मुंबई के बस में चढ़ के पलटवार
मगर अंजाम हुआ खुद की दुनिया से खिलवाड़
और चला गया माँ बाप का लाड प्यार ||

अरे भाइयों यह तो कुछ भी नहीं हैं ,
अब तो राज्य भी बस नाम के ही हैं ,
क्योंकि अब पूर्व, पश्चिम ,उत्तर ,दक्षिण का ज़माना हैं ,
इसी से व्यक्ति को पहचाना लेना हैं ,
तभी तो व्यक्ति का सम्मान होना हैं ,
नहीं तो पीटकर भगा देना हैं ||||

यदि दक्षिण का हैं तो
बढ़िया हैं ,
यदि पूर्व का हैं तो घटिया हैं ,
यदि पश्चिम का हैं
तो अच्छा हैं
और यदि उत्तर का हैं तो सच्चा हैं ||
क्योंकि यही हैं आज के भारत के राज्यों की गान ,
कहते हैं अपने को महान ||

कुछ ही दिन की पहले की हैं बवाल ,
राज्य के अन्दर के हिस्से को लेके उठा हैं सवाल
कहना था तेलंगाना को अलग कराना हैं , जो की आंध्र प्रदेश के अन्दर आना हैं |
आग लगायी ,तोड़ फोड़ किया ,अनसन पर बैठ जाना हैं ,
क्योंकि सभी वाकिफ थे सच्चआई से की तेलंगाना
को अलग हो जाना हैं |
नेताओं का बोलबाल होना हैं,
और घुश्खोरों का समय आना हैं ,
इसलिए तो राज्यों को लेके होती हैं मार ,
क्योंकि यह हैं सिर्फ नेताओं की चाल ,
और भारत की जनता की बिगड़ी हैं हाल ||

मैं तो बस इतना कहत हूँ ,
हिन्दू,मुस्लिम ,सिख ,इशाई
हम सब हैं भाई भाई ,
राज्यों को लेकर कुछ नही हैं लुभाई
अपने को सुधार लेना ही हैं सब कुछ की भरपाई |||

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