काहे का टेंशन यार ,,,ज्यादा से ज्यादा क्या होगा आर या पार!!!!!!!!

समय की बात करें तो काफी भीड़ हैं कोग्नी की आफिस मैं पंजीकरण को लेके ! समय ११ बज चुके हैं और वक़्त ख़त्म होने वाला तो यह कविता मैं engइनीरिंग के को लेके ही पेश करना चाहूँगा और वोह प्रकार हैं

काहे का टेंशन यार ,
ज्यादा से ज्यादा क्या होगा
आर या पार
अरे यह तो हैं इंजीनियरिंग के गुण,
जिनसे सबको होना हैं अवगुण ,
क्योंकि यही तो जीवन को कर देते हैं भुन !!!

हां, यह जीवन को कर देते हैं भुन,
क्योंकि छात्र हो जाते हैं कूल
सेमेस्टर को भूल जाते हैं फूल
और बेक को बचाना हैं इनका उसूल ,
क्योंकि यही तो इनका नारा हैं
काहे का टेंशन यार ,
ज्यादा से ज्यादा क्या होगा
आर या paarकाहे का टेंशन यार ,
ज्यादा से ज्यादा क्या होगा
आर या पार
अरे, क्या हुआ
कल परीक्षा हैं
थोड़ी न यह दुनिया की अंतिम इच्छा हैं
अरे बार बार यह आयेंगे
हमें यह तर्सायेंगे
और हम इन्हें नम्बरों से भंगायेंगे
इसलिए तो बोलता हूँ और आप भी बोलो
काहे का टेंशन यार ,
ज्यादा से ज्यादा क्या होगा
आर या पार

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